नई दिल्लीः लीबिया में पाइपलाइन में विस्फोट से कच्चे तेल में उछाल अभी भी नजर आ रहा है. ब्रेंट क्रूड का भाव 67 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, जो पिछले ढाई साल का उच्चतम स्तर है.नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 60 डॉलर के पास कारोबार कर रहा है.
बता दें कि कच्चे तेल के भावों में आई इस तेजी का कारण ओपेक देशों द्वारा अपना उत्पादन कम करने का नतीजा है. दरअसल कच्चे तेल के भावों में लगातार कमी आने के कारण तेल उत्पादक देशों ने बैठक कर अपने तेल उत्पादन को सीमित करने पर सहमति जताई थी. इसके बाद उत्पादन कम किया जाने लगा. इससे मांग की तुलना में पूर्ति कम होने से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है. हालाँकि अरब देशों के अलावा अमेरिका भी तेल उत्पादन करने लगा है , जिससे पूर्ति होने पर कीमतों में कुछ असर पड़ सकता है.
जबकि दूसरी ओर वैश्विक बाजार में सोने में नरमी का रुख है. कॉमैक्स पर सोना 1287 डॉलर के पास कारोबार कर रहा है. कॉमैक्स पर चांदी 16.5 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रही है. वैश्विक बाजार में उतार -चढाव का असर देखने को मिलता रहता है. इसी कारण भारत में भी इसका असर देखने को मिलता है.
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