छात्र-छात्रा का गले लगना, प्रिंसिपल और हाई कोर्ट को नहीं मंज़ूर

छात्र-छात्रा का गले लगना, प्रिंसिपल और हाई कोर्ट को नहीं मंज़ूर
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अगस्त महीने में केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित सेंट थॉमस सेंट्रल स्कूल में गायन प्रतियोगिता खत्म होने के बाद 12वीं कक्षा के 11 वीं की छात्रा को गले लगाकर बेहतर प्रदर्शन के लिए बधाई दी. वहां से गुजर रही टीचर ने दोनों देख लिया और वाइस प्रिंसिपल से शिकायत कर दी, जिन्होंने इस हरकत को अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें एक सप्ताह के लिए स्कूल से निलंबित कर दिया और दोनों से लिखित में माफीनामा भी लिया.छात्र ने बताया कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर ही आदेश दे दिया गया था

छात्र ने कहा, “हम वहां अकेले नहीं थे. मैंने उसे (छात्रा) 3-5 सेकंड ही गले लगाया, उसी समय वहां एक टीचर आ गईं और हमपर चिल्लाना शुरू कर दिया. इसके बाद वो हमें वाइस प्रिंसिपल के पास ले गईं और उन्होंने हमारी दोस्ताना बधाई को सेक्सुअल कहा.' इसके बाद छात्र-छात्र को 50 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. बाल अधिकार आयोग ने दोनों की पढाई जारी रखने के निर्देश स्कूल को दिए, जिसे ना मानने पर अभिभावकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

12 दिसंबर को सुनाए गए अपने फैसले में केरल के उच्च न्यायालय ने दोनों के निलंबन की सजा को सही ठहराया. इस मामले में स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि छात्र ने छात्रा को 5 मिनट से ज्यादा गले लगाए रखा, जिसे बधाई के लिए गले लगाना कतई नहीं माना जा सकता. लड़के ने इंस्टाग्राम पर दोनों की फोटो भी शेयर की है. 

 

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