बरनाला : शहर में रहने वाले एक युवक के साथ गजब का वाक्या घटित है दरअसल गांव पक्खोकलां के जिस गुरतेज सिंह को चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन वह आठ घंटे बाद सही सलामत उठ खड़ा हुआ। यह देखकर मां-बाप और पारिवारिक सदस्यों के होश ही उड़ गए। इसलिए अब परिजन डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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रतौंधी के कारण किया था भर्ती
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरतेज सिंह को पिछले दिनों एक आंख की रोशनी कम हो जाने के कारण बठिंडा के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहां से उसे डॉक्टर ने सिर में रसौली बताकर डीएमसी लुधियाना और वहां से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया। 10 जनवरी को उसे चंडीगढ़ पीजीआई में दाखिल करवाया गया।11 जनवरी को सुबह छह बजे डॉक्टरों ने गुरतेज को मृत करार दे दिया। लेकिन उन्हें बेटे का डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया।
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ऐसे पता चला जिन्दा है युवक
प्राप्त जानकारी अनुसार अस्पताल से घर लाकर अंतिम संस्कार के लिए जब गुरतेज सिंह के कपड़े बदले जाने लगे तो पड़ोसी सतनाम सिंह को उसकी सांस चलने का आभास हुआ। इसके बाद तुरंत पास ही कैमिस्ट शॉप करने वाले एक व्यक्ति को बुलाया गया।उसने गुरतेज सिंह को चेक किया तो बताया कि गुरतेज की सांस चल रही है.
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