नई दिल्ली: ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड इंडो-रूस जॉइंट वेंचर के रूप में भारत की पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसने अग्निवीरों के लिए नौकरियां आरक्षित करने का ऐलान किया है। कंपनी ने तकनीकी पदों के लिए 15% और प्रशासनिक व सुरक्षा भूमिकाओं के लिए 50% नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा की है। यह कदम भारतीय सेना की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए युवाओं को सिविल नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने कहा कि वे अपने विभिन्न कार्य केंद्रों में कम से कम 15% तकनीकी और सामान्य प्रशासनिक पदों के लिए अग्निवीरों की भर्ती करेंगे। इसके साथ ही, सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों के लिए आउटसोर्स किए गए कार्य केंद्रों में 50% रिक्तियों को अग्निवीरों से भरा जाएगा। इसके अलावा, कंपनी थर्ड-पार्टी कॉन्ट्रेक्ट स्टाफिंग के तहत भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है। यह पहल ब्रह्मोस एयरोस्पेस को अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को रोजगार प्रदान करने वाली पहली कंपनी बनाती है। इस योजना के तहत, अग्निवीरों को नियमित रोजगार के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कॉन्ट्रेक्ट्स के माध्यम से भी काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने अनुभव और स्किल्स का लाभ उठाकर सिविल करियर में आसानी से शामिल हो सकेंगे।
अग्निपथ योजना का उद्देश्य चार साल के लिए युवाओं को सशस्त्र बलों में भर्ती करके भारतीय सेना की क्षमताओं को आधुनिक बनाना है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस का यह कदम प्राइवेट सेक्टर में एक मिसाल कायम करता है, जिससे यह दिखता है कि निजी कंपनियां भी सैन्य कर्मियों के कल्याण और उनके सिविल करियर में स्थानांतरण में योगदान दे सकती हैं। इससे पहले, सभी CAPFs (BSF, CRPF, CISF, और ITBP) ने भी अग्निवीरों के लिए 10% नौकरियों में आरक्षण की घोषणा की थी। साथ ही, इन बलों में फिजिकल टेस्ट और आयु सीमा में भी छूट दी गई है। यूपी पीएससी ने भी पूर्व अग्निवीरों के लिए छूट का प्रावधान किया है, जिससे वे सिविल सेवाओं में आसानी से समायोजित हो सकें।
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