नई दिल्ली : भारतीय सेना ने लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी ब्रह्मोस ब्लॉक-3 जमीन आधारित क्रूज मिसाइल का अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में सफल परीक्षण किया. गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को भी ब्राह्मोस मिसाइल के नए आधुनिक वर्जन ब्राह्मोस ब्लॉक तीन का सफल परीक्षण किया गया. यह परीक्षण भी अंडमान-निकोबार में किया गया था. इस सफल परिक्षण को लेकर सेना ने कहा कि मिसाइल ने सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए सटीकता के साथ सफलता पूर्वक लक्ष्य पर हमला किया.
सेना के अनुसार, ब्रह्मोस के ब्लॉक-3 संस्करण का लगातार पांचवी बार सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है. इसकी श्रेणी के किसी अन्य हथियार जो कि जमीन पर हमला करता हो अभी तक यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है. बताया जा रहा है कि क्रूज मिसाइल ब्राह्मोस किसी भी प्रकार के खतरनाक हथियारों पर लगाए गए निशाने के अनुसार घातक वार करती है.
इसकी विशेषता यह भी है कि ये किसी भी डायनामिक टारगेट को आसानी से निशाना बना सकती है. यह मिसाइल सतह पर उपस्थित टॉरगेट को भी नष्ट करने में अचूक है. ब्राह्मोस मिसाइल अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल से दो गुना तेज बताई जाती है. ये किसी भी शक्तिशाली रडार को धोखा देने में भी सक्षम है.
इसकी एक बड़ी विशेषता यह भी है कि यह कम ऊंचाई से भी घातक हमला कर देती है. ये विश्व की एक ऐसी मिसाइल है जो झुकी हुई और वर्टिकल दोनों ही अवस्था में दागी जा सकती है. ब्राह्मोस मिसाइल सुखोई-30 फाइटर एयरक्राफ्ट और शिप से भी दागी जा सकती है.
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