लखनऊ: विश्व की सबसे घातक और सबसे तेज उड़ने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) को उत्तर प्रदेश में निर्मित किया जाएगा। इसके लिए राजधानी लखनऊ में 80 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है। इसे लेकर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूसी कंपनी NPOM के बीच MoU पर दस्तखत भी हो चुके हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी जानकारी दी है।
सीएम योगी ने कहा कि इस कॉरिडोर के विकास से यूपी, देश की सुरक्षा व्यवस्था और रक्षा उपकरणों के उत्पादन में अहम भूमिका निभाने लगेगा। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। देश के दूसरे डिफेंस कॉरिडोर में अगले तीन साल में (2025 तक) अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों (BrahMos NG) का निर्माण शुरू हो जाएगा। शुरू में 100 से ज्यादा मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पांच से सात वर्षों में 900 करोड़ रुपये की मिसाइलों के उत्पादन का लक्ष्य है।
DRDO और NPOM में MoU साइन हो चुका है। ये संस्थाएं पहले 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इसके लिए कॉरिडोर के लखनऊ नोड में 80 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। 26 दिसंबर 2021 को इसकी आधारशीला रखी गई थी। यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के विशेष कार्याधिकारी दुर्गेश उपाध्याय ने जानकारी दी है कि पूर्व घोषित उत्तर प्रदेश डिफेंस एंड एयरोस्पेस एम्प्लॉयमेंट प्रमोशन पॉलिसी के अतिरिक्त राज्य सरकार ने हाल ही में निवेशकों के हित में और भी कई नीतिगत परिवर्तन किए हैं। ये सभी बदलाव यूपीडा की वेबसाइट पर मौजूद हैं। इन बदलावों से डिफेंस कॉरिडोर में निवेश करने के लिए और निवेशक आकर्षित होंगे।
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