ट्यूबरक्लोसिस यानी कि टीबी एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो कि सामान्यतः हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है। आप सभी को बता दें कि इस घातक बीमारी का सही समय पर सही इलाज ना करने पर जान भी जा सकती है। जी दरअसल टीबी केवल फेफड़ों को ही नहीं हमारे दिमाग को भी प्रभावित कर सकती है। जी हाँ और धीरे-धीरे टीबी के जीवाणु दिमाग में प्रवेश कर गांठ बना लेते हैं। वहीं यह गांठ बाद में टीबी का रूप ले लेती है, जिससे दिमाग की झिल्लियों में सूजन या गांठ पड़ जाती है। इसको मेनिनजाइटिस ट्यूबरक्लोसिस, मेनिनजाइटिस या ब्रेन टीबी के नाम से जाना जाता है।
ब्रेन टीबी के लक्षण-
- थकान महसूस होना।
- हमेशा बीमार रहना।
- मिचली-उल्टी।
- हल्के-फुल्के बुखार।
- बार-बार सिर दर्द होना।
- बार-बार बेहोश होना।
- सुस्त रहना।
मेनिन्जाइटिस यानी ब्रेन टीबी की वजह से मरीजों में गर्दन में अकड़न, हल्की संवेदनशीलता और सिरदर्द जैसे लक्षण हमेशा नजर नहीं आते हैं। हालाँकि बीच-बीच में यह समस्या बनी रहती है।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा- जो लोग ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन करते हैं, एचआईवी एड्स के मरीज, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग और डायबिटीज के मरीजों को मेलिटस ब्रेन टीबी होने की संभावना अधिक होती हैं।
कैसे करवाए जांच- अगर ब्रेन टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आप इसका पता एक्सरे, एमआरआई, सिटी स्कैन, सीबी नेट और सीएसए जांच से लगा सकते हैं।
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