बिहार के 12 वर्षीय भीम यादव ने नन्ही सी उम्र में अपनी सूझबूझ से एक बड़ा रेल हादसा रोककर हज़ारों ज़िंदगियों को बचा लिया. भीम की बहादुरी से प्रभावित होकर बिहार राज्य के अधिकारियों ने उसे सम्मानित करने का फैसला किया है.
18 दिसंबर की सुबह भीम अपने बागों की तरफ जा रहा था, तभी उसने गोरखपुर-नारकातिगंज रेलवे लाइन पर टूटे रेल ट्रैक को देखा. तभी वहाँ सामने से उसे ट्रेन आती दिखी. भयानक ठंड के बावजूद भीम ने अपनी लाल टी-शर्ट उतारी और हवा में लहराते हुए, जितना तेज़ हो सकता था उतनी तेज़ी से, ट्रैक पर आती हुई ट्रेन की ओर दौड़ने लगा. उसे देखकर ड्राईवर ने एमरजंसी ब्रेक लगा दिए और हजारों ज़िंदगियाँ बच गई.
पश्चिम चंपारण जिले के मंगलापुर का निवासी 12 वर्षीय भीम यादव, सरकारी मिडिल स्कूल में 5वीं कक्षा का छात्र है. भीम के अदम्य साहस और सूझबूझ के लिए सरकार उसे सम्मानित करेगी. जिला शिक्षा अधिकारी, हरेंद्र झा ने कहा, “वास्तव में ये बहादुरी भरा कदम है. हम उसे उसकी बहादुरी के लिए और यात्रियों की जान बचाने के लिए इनाम देंगे, जो नक़द या फिर कोई प्रमाण पत्र हो सकता है. हम अभी भी इसके बारे में फैसला कर रहे हैं, लेकिन एक बात निश्चित है कि उसे पुरस्कृत ज़रूर किया जाएगा." ईस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ़ पब्लिक रिलेशन ऑफ़िसर, राजेश कुमार ने कहा, "वास्तव में हमें इस बहादुर लड़के पर गर्व है और हम उसकी बहादुरी को सलाम करते हैं."
Meet Bhim Yadav,a true hero who saved the 100's of lives by making a speeding train stop before it could cross over a broken train track.Bhim removed his red shirt & started waving it around frantically to catch attention of the train driver,who applied emergency brakes. My Hero! pic.twitter.com/NDi23NunT1
— Virender Sehwag (@virendersehwag) December 24, 2017
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