ओटावा: कनाडा के टोरंटो में मोहनदास करमचंद गाँधी की मूर्ति तोड़े जाने का हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। यह घटना टोरंटो के रिचमंड हिल स्थित विष्णु मंदिर की है। घटना बुधवार (13 जुलाई) को लगभग साढ़े 12 बजे की बताई जा रही है। इस मामले पर स्थानीय पुलिस का कहना है कि वह हेट क्राइम मानते हुए इस मामले की जांच कर रहे हैं।
Shameful, shocking misdeed in #Canada.
— Kanchan Gupta ???????? (@KanchanGupta) July 14, 2022
Gandhi Ji’s statue vandalised at Vishnu Mandir in Richmond Hill, Ontario. Police is investigating it as hate crime. 1 https://t.co/ZYIwIGQ0yS pic.twitter.com/inqgynd9eI
बता दें कि योंगी स्ट्रीट और गार्डेन अवेन्यू स्थित विष्णु मंदिर के परिसर में राष्ट्रपिता गाँधी की लगभग 5 मीटर ऊँची प्रतिमा स्थापित थी, जिसे कुछ उपद्रवी तत्वों ने तोड़ डाला है। यही नहीं, असामाजिक तत्वों ने इस मूर्ति पर ‘खालिस्तान’ एवं ‘रेपिस्ट’ जैसे आपत्तिनजक शब्द भी लिख दिए। यॉर्क रीजनल पुलिस के प्रवक्ता एमी बौद्रेउ ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि ये आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल महात्मा गाँधी की मूर्ति को खराब करने के मकसद से किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बौद्रेउ ने कहा है कि, 'जो लोग दूसरे लोगों की नस्ल, जाति, देश, भाषा, धर्म, उम्र, लिंग आदि के आधार पर घृणा करते हैं उनके साथ पक्षपात करते हैं, उनका अपमान करते हैं, उन पर कानूनी सीमा में रहकर केस चलाया जाएगा। हम मानते हैं कि घृणा अपराधों का समुदाय-व्यापी प्रभाव काफी दूरगामी होता है। इसलिए हम घृणा अपराध या इस प्रकार की सभी घटनाओं की सख्ती से जाँच करते हैं।'
उधर, मंदिर के प्रमुख डॉ. बुधेंद्र दूबे ने तोड़फोड़ पर निराशा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि मंदिर शांति पार्क में मूर्ति 30 साल से ज्यादा समय से लगी हुई है, मगर ऐसा कृत्य कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वह इतने वर्षों से यहाँ रिचमंड हिल में इतनी शांति से रहते हैं, किन्तु ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि, 'यदि हम उस तरह से जीते हैं, जैसा गाँधी ने हमें जीना सिखाया था, तो हम किसी व्यक्ति या किसी समुदाय को चोट नहीं पहुँचाएँगे।'
वहीं, भारतीय अधिकारियों ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए इसे कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय को आतंकित करने के लिए किया गया एक दुखद कृत्य करार दिया है। उन्होंने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इस घृणित घटना से कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुईं हैं।
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