एक बच्चे के लिए उसकी माँ का दूध बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि जितना बच्चे के लिए ये दूध सही होता है उतना ही माँ के लिए भी सही होता है. अपने बच्चे को गोदी लेना, उनकी देखभाल करना आदि बहुत ही स्वाभाविक है. उन्हें अपने नवजात शिशु की ज़रूरतों को जानने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ सकता है. बच्चा जब माँ के पेट में होता है तभी से मां का संबंध बच्चे से हो जाता है. यहां हम यही बताने जा रहे हैं कि किस तरह से माँ और बच्चे के लिए जरुरी है स्तनपान.
स्तनपान, माँ और बच्चे के बीच बंधन को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. कुछ माँए गर्भावस्था से ही यह रिश्ता महसूस करने लगती हैं और कुछ माँए जन्म देने के बाद. यह बात सच है की काफ़ी महिलाओं को गर्भावस्था में शिशु से सम्बन्ध बनाने में दिक्कतें होती हैं. इसके कई फायदे भी होते हैं.
स्तनपान के फायदे
* जिन बच्चों को मां का दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता, उनमें कान के संक्रमण, सांस में परेशानी और डायरिया की समस्याएं देखने को मिलती हैं. ये
* शिशुओं को लंबे समय तक स्तनपान कराने से माताओं में डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है. हर मां को यही सलाह देते हैं कि वो अपने शिशुओं को जन्म के बाद कम से कम 6 माह तक स्तनपान कराएं.
* इससे शिशुओं में कान और श्वसन संबंधी संक्रमण का खतरा कम होता है साथ ही इससे एलर्जी, मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याओं से भी बचाव हो सकता है.
* स्तनपान कराने से मां को गर्भावस्था के बाद होने वाली शिकायतों से मुक्ति मिल जाती है. इससे तनाव कम होता है और प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
* इससे माताओं को स्तन या गर्भाशय के कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसके साथ ही स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक है.
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