नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेज एडमिशन घोटाला मामले में न्यायाधीशों के नाम पर रिश्वत मामले की जांच एसआईटी से कराने संबंधी याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है. यह याचिका वकील कामिनी जायसवाल ने दायर की थी. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं दायर कर संस्थान को नुकसान पहुंचाया गया और उसकी निष्ठा पर अनावश्यक शक जाहिर किया गया. इस याचका में मेडिकल कॉलेज एडमिशन स्कैम के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से जांच कराने की मांग की गई थी
शीर्ष अदालत ने आरोपों को परेशान करने वाला बताते हुए कहा कि इस मामले में किसी जज के खिलाफ एफआईआर नहीं की गई. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के निराधार आरोपों से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. कोर्ट ने कहा, 'हम भी कानून से ऊपर नहीं हैं और सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन होना ही चाहिए. इस मामले में कोई एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के किसी जज के खिलाफ नहीं दर्ज की गई.
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि इस तरह की याचिकाएं दायर करना एक तरह से कोर्ट का अपमान है, लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मामला दायर नहीं किया जाएगा.
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