पटना. शादी में यही रिवाज है कि दूल्हा दुल्हन के घर बारात लेकर आता है. दुल्हन पक्ष के परिजन बारात का स्वागत और आवभगत करते है. किन्तु इसके विपरीत एक वाकिया देखने को मिला जिसे देख कर हर कोई सकते में आ गया. यह वाकिया बिहार राज्य के मुंगेर जिले का है, जहां बिना दहेज़ के शादी करने की मिसाल कायम की गई. इसके साथ दुल्हन दूल्हे के घर बारात लेकर पहुंची.
बता दे कि राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार राज्य को दहेज़ प्रथा ने बुरी तरह से जकड़ रखा है. समाज में इस तरह की नई मिसाल कायम करने वाले मुंगेर की प्रधान श्यामदेव मिश्र ने अपने पुत्र की शादी में न सिर्फ दहेज़ का पूर्णतः बहिष्कार किया. इसके साथ ही उन्होंने समाज में एक व्यवस्था कायम की, दूल्हा बारात लेकर नहीं जाएगा बल्कि दुल्हन भी बारात लेकर दूल्हे की घर आ सकती है.
मुंगेर प्रधान ने ऐसा कर नारी शक्ति को सम्मान दिया, दक्षिणेश्वर काली स्थान कासिम बाजार में यह अद्भुत नजारा देखने को मिला. मुंगेर वधु पक्ष के लोग बारात शोभायात्रा निकाल कर दूल्हे के घर पहुंचे, जिसके बाद वैदिक विधि विधान से विवाह सम्पन्न कराया गया. यह एक तरह से आदर्श विवाह था जिसकी चर्चा दूर-दूर तक हो रही है.
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