लंदन: ब्रिटेन में पीएम बोरिस जॉनसन और गृह मंत्री प्रीति पटेल चालू सप्ताह में यूरोपीय यूनियन से अलगाव के बाद वीजा और आव्रजन नीति में बदलाव को अंतिम रूप देने वाले है. वहीं नई नीति में दक्ष पेशेवरों और विशेषज्ञों को आकर्षित करने वाले प्रावधान किए जाएंगे. जंहा इसका सीधा फायदा भारत समेत ज्यादा आबादी वाले देशों को मिलेगा. वहीं इस बात का पता चला है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने प्रवासी सलाहकार समिति (एमएसी) की सिफारिशों को मानते हुए पेशेवरों का न्यूनतम वेतन 25,600 पाउंड से 30,000 पाउंड करने के प्रस्ताव को स्वीकृति देंगे. योग्यता के अनुसार वेतन ज्यादा भी हो सकता है. इन पेशेवरों के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान आवश्यक होगा.
माना जा रहा है कि गृह मंत्री पटेल नई नीति की घोषणा शुक्रवार को कर देंगी. इससे पहले गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है. सरकारी सूत्र के मुताबिक प्रधानमंत्री जॉनसन ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जिसमें दुनिया के पेशेवरों को ब्रिटेन खुला हुआ और आकर्षक लगे. इससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.वहीं यह भीं कहा जा रहा है कि हमें अब कम वेतन वाले कामगारों को वीजा देने की नीति को हतोत्साहित करना होगा. इसका ब्रिटेन को दीर्घकालिक लाभ होगा. इस सिलसिले में ऑस्ट्रेलिया की तरह की बिंदुवार जानकारियों पर आधारित प्रवासी नीति कामयाब होगी. माना जा रहा है कि ब्रिटेन इस नीति को एक जनवरी, 2021 से लागू करेगा.
मिली जानकारी के अनुसार इस नीति के तहत ब्रिटेन इसके जरिये हर साल 90 हजार अकुशल कामगारों की संख्या को कम करेगा जबकि हर साल 65 हजार दक्ष पेशेवरों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इस समय ब्रिटेन में गैर यूरोपीय देशों से आने वाले दक्ष पेशेवरों में भारतीयों की संख्या सर्वाधिक है. बीते वर्ष टीयर 2 नौकरियों के लिए 56,241 भारतीय पेशेवरों को वीजा दिए गए.
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