लंदन: कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है। वहीं, दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक और रिसर्चर्स कोरोना का टीका और दवा बनाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। इसी बीच इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के प्रायोगिक टीके के साथ इस सप्ताह ब्रिटेन में लोगों को प्रतिरक्षित करना आरंभ करेंगे। वैश्विक महामारी को रोकने के लिए प्रभावी टीका ढूंढने की रेस में यह नया प्रयास है।
ब्रिटिश सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि इंपीरियल में विकसित कोरोना वायरस के संभावित टीके की दो खुराकों के साथ लगभग 300 स्वस्थ लोगों को प्रतिरक्षित किया जाएगा। इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए सरकार ने करीब 387 करोड़ 88 लाख ( 5.1 करोड़ डॉलर) की राशि प्रदान की है। इंपीरियल कॉलेज लंदन में विकसित इस संभावित टीके का अब तक सिर्फ जानवरों और लैब में परीक्षण हुआ है जहां इसने संक्रमित व्यक्ति में आम तौर पर देखे जाने वाले एंटीबॉडी से अधिक स्तर पर एंटीबॉडी बनाए हैं। कई वैज्ञानिकों ने सतर्क किया है कि इस वैश्विक महामारी को प्रभावी टीके से ही रोका जा सकता है जिसे विकसित करने में सामान्य रूप से कई साल लग सकते हैं।
टीका अनुसंधान का नेतृत्व कर रहे रॉबिन शटोक ने कहा, 'दीर्घकालिक दृष्टि से, एक व्यवहार्य टीका सबसे अधिक संवेदनशील लोगों को बचाने के लिए अहम् होगा, जो प्रतिबंधों में ढील देने और लोगों को सामान्य जीवन की तरफ लौटने में सहायता करेगा।'
शेयर बाजार में लौटी मजबूती, 770 अंक उछला सेंसेक्स
कोरोना काल में भी जियो की चांदी, अब सऊदी अरब का सरकारी फंड कर सकता है बड़ा निवेश
EPFO ने प्रारंभ की विशेष सुविधा, कही से भी कर सकते है दावों का निपटारा