स्टैनफोर्ड-ले-होप : ब्रिटेन से चीन के लिए पहली मालगाड़ी सोमवार को रवाना हुई. 30 बोगियों वाली 600 मीटर लंबी यह मालवाहक ट्रेन हैं, जो पूर्वी इंग्लैंड से पूर्वी चीन के लिए रवाना हुई .यह ट्रेन 12 हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी और सात देशों से गुजरकर यह 18 दिन में चीन पहुंचेगी. आम तौर पर समुद्री जहाज से इतनी दूरी तय करने में इसका दुगुना समय लगता है.इस ट्रेन में व्हिस्की, सॉफ्ट ड्रिंक्स, विटामिंस और बेबी प्रोडक्ट्स लादे गए हैं.
आपको इस लम्बी रेल यात्रा का विवरण दे दें.चीन से ब्रिटेन के लिए पहली मालगाड़ी 18 जनवरी को पहुंची थी जिसमें डे और अन्य रिटेल सामान था. ट्रेन पूर्वी लंदन में एसेक्स फॉर बार्किंग में स्टैनफोर्ड-ले-होप से रवाना हुई। यहां से यह फ्रांस में चैनल टनल से गुजरेगी. फिर बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, बेलारूस, रूस और कजाकिस्तान होते हुए चीन में यिवु 27 अप्रैल को पहुंचेगी.दरअसल यह रेल सेवा चीन के 'वन बेल्ट, वन रोड' कार्यक्रम का हिस्सा है ,
बता दें कि पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन का विचार था कि पश्चिमी देशों की तरफ बढ़ने के लिए चीन को ब्रिटेन को अनिवार्य गंतव्य के रूप में लेना होगा. इसके लिए चीनी मुद्रा युआन के निवेश के लिए लंदन सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग सेंटर बन जाना चाहिए. वहीं अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे के चीन के साथ ब्रिटेन के संबंध काफी अच्छे हैं. इसलिए वह चाहती हैं कि योरपीय संघ से अलग हो जाने के बाद चीन की ओर से अरबों डॉलर का निवेश ब्रिटेन में हो, क्योंकि ब्रिटेन को दो साल के भीतर योरपीय संघ से अलग होना है और वह दुनिया के बाकी देशों से अपने व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है.
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