देहरादून: आस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में पदक जीतकर कुमाऊं के 2 होनहारों ने अपनी बहनों को बड़ा तोहफा दिया है। विशेष बात यह है कि दोनों को उनकी बहनों ने अपनी किडनी दी, जिसकी बदौलत आज वे देश का नाम रोशन कर रहे हैं। पदक जीतने वाले ये दोनों प्लेयर आपस में रिश्तेदार भी हैं।
पर्थ में 15 से 21 अप्रैल तक आयोजित वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में मुनस्यारी के हीरा दास्पा ने भाला फेंक में गोल्ड मैडल जीता वहीं डीडीहाट निवासी अभिनव पांगती ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज तथा भाला फेंक में सिल्वर मैडल अपने नाम किया। मीडिया से चर्चा में 39 वर्षीय हीरा ने बताया कि 2012 में अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। जांच में किडनी खराब पायी गई। साल 2013 में उनकी बहन आशा ने उन्हें अपनी किडनी डोनेट की। वहीं 33 वर्षीय अभिनव ने बताया कि 5 वर्ष पहले उन्हें किडनी की तकलीफ हुई।
देहरादून के एक सरकारी विद्यालय में अध्यापिका उनकी बड़ी बहन दीक्षा धर्मशक्तू ने उन्हें अपनी किडनी डोनेट की। दोनों का किडनी ट्रांसप्लांट मोहाली (पंजाब) के एक हॉस्पिटल में हुआ। वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स (डब्ल्यूटीजी) एक अंतरराष्ट्रीय मल्टी-स्पोट्र्स इवेंट है, जो वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स फेडरेशन (डब्ल्यूटीजीएफ) द्वारा हर दो वर्षों में आयोजित किया जाता है। इसमें अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता, जीवित दाता आदि प्रतिभाग करते हैं। इन खेलों का आरम्भ 1978 में इंग्लैंड में हुआ था। तब इसमें 100 एथलीटों ने हिस्सा लिया था। इस बार के पर्थ में 60 से ज्यादा देशों के प्रतियोगी सम्मिलित रहे।
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