ब्राउन राइस आज के समय में लोग अधिक पसंद करते हैं क्योंकि इन्हे खाना अच्छा माना जाता है। इसके चुनाव का मुख्य कारण इसे संशोधित करने का तरीका है। जी दरअसल जब चावल प्रोसैस्ड हो जाता है तो चोकर और गुड बैक्टीरिया हटा दिए जाते हैं जबकि ब्राउन चावल में सब बना रहता है, चोकर और गुड बैक्टीरिया को पौष्टिक गुणों के लिए जाना जाता है और यह फाइबर से भरपूर होते हैं। इस वजह से ब्राउन राइस स्वस्थ विकल्प के रूप में सामने आता है, हालाँकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके नुकसान। जी दरअसल एनसीबीआई के रिसर्च के अनुसार ब्राउन राइस खाने का एक बड़ा साइड इफेक्ट है।
जी दरअसल वह है इसमें फाइटिक एसिड नामक एंटी-न्यूट्रीएंट बड़ी मात्रा में पाया जाना। यह एंटी न्यूट्रिएंट तत्व एक ऐसा कम्पोजिशन है जो कई अलग-अलग पौधों से बने उत्पादों में पाया जाता है और हमारे शरीर को खाद्य पदार्थों से मिलने वाले कुछ पोषक तत्व प्राप्त करने से रोक सकता है। इसके अलावा ज्यादा फाइबर का इस्तेमाल आपके पाचन के लिए सही नहीं है। यह कई समस्याएं पैदा कर सकते हैं। जी दरअसल ब्राउन राइस में चोकर व रोगाणु बरकरार होते हैं जो इसे फाइबर रिच बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। वहीँ चोकर और रोगाणु पाचन तंत्र को भी डिस्टर्ब कर सकते हैं जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।
इसी के साथ ज्यादातर अनाज आर्सेनिक के संपर्क में आते हैं जो मिट्टी और पानी में पाया जाने वाला एक तत्व है और जब इसके संपर्क में आते हैं तो आप गंभीर स्थिति से पीड़ित हो सकते हैं। इसके अलावा ब्राउन राइस में अधिकांश अन्य अनाजों की तुलना में अधिक आर्सेनिक होता है इसलिए परिस्थितियों से प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है आर्सेनिक की थोड़ी मात्रा भी कैंसर, हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकती है।
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