रमजान (Ramadan 2023) का पाक महीना चांद का दीदार होते ही आरम्भ हो चुका है। रमजान में रोजेदार 30 दिन तक भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं। हांलाकि यह पाक महीना खाने, सोने, इबादत करने से जुड़ा हुआ माना जाता है। बावजूद इसके लोगों के मन में रोजे से जुड़े कुछ प्रश्न आज भी बने हुए हैं। इन्हीं सवालों में से एक सवाल है- क्या रोजे के चलते दांत ब्रश करने चाहिए या नहीं? दरअसल रोजे रखने वाले बहुत से लोग अक्सर इफ्तार तक पूरे दिन पानी नहीं पीने के कारण सांसों की दुर्गंध का अनुभव करते हैं। यदि आप भी अपनी ओरल केयर को लेकर टेंशन में हैं तो आइए जानते हैं इसका सही जवाब और इलाज।
इस्लाम के अधिकतर जानकार इस बात से मना करते हैं कि रोजे के चलते दांतों को ब्रश करने से रोजा टूट जाता है। इस प्रश्न पर उनका कहना है कि यदि रोजेदार ब्रश करते समय सावधानी बरतते हुए टूटपेस्ट या माउथवॉश को निगलता नहीं है, उसे अच्छी तरह थूक देता है और ब्रश करने के पश्चात् अच्छी तरह कुल्ला करता है तो रोजे के चलते ब्रश किया जा सकता है।
दुनिया भर में हजारों वर्षों से लोग दांतों की सफाई के लिए ‘मिस्वाक’ पौधे की जड़ तथा टहनियों से बने का दातुन का उपयोग करते आ रहे हैं। कई वैज्ञानिक शोध भी इस बात का खुलासा करे हैं कि मिस्वाक की जड़ से बने दातुन में एंटीबैक्टीरियल एंटीफंगल और एंटीप्लाक गुण मौजूद होते हैं जो हमारे दांतो की सफाई टूथब्रश से भी बेहतर तरीके से करते हैं। वही रात को सेहरी खाने के पश्चात् दांतों को अवश्य साफ करें। कुछ भी खाने के पश्चात् सोकर उठने से मुंह से गंध आने लगती है। ऐसे में इस परेशानी से निजात पाने के लिए दांत साफ करना आवश्यक हो जाता है। इसके लिए आप सेहरी के तुरंत बाद दांतों को ब्रश अवश्य करें।
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