लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र में मामा-भांजे की लाश एक कुएं में पड़ी हुई मिली है. दोनों 12 मार्च को कानपुर से हमीरपुर पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक, रुपयों के लेनदेन को लेकर दोनों की गला घोंटकर मार डाला गया और शवों को कुएं में फेंक दिया गया. वहीं मृतक की बहन का आरोप है कि 13 मार्च को उसने सुमेरपुर थाना पुलिस को मामा- भांजे के लापता होने और किसी अनहोनी की आशंका की सूचना दी थी पर पुलिस उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की थी.
यह मामला सुमेरपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जलाला गांव के पास का है. कानपुर में बर्रा के निवासी मयंक और विपुर का शव एक पुराने कुएं में पड़ा मिला था. सूचना मिलते ही सुमेरपुर थाना पुलिस मौके पहुंची शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा दिया और मामले की जांच शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस को कई हैरान करने वाले सबूत मिले हैं. जिससे स्पष्ट हो गया कि रुपयों के लेन-देन को लेकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है. इस मामले पर पुलिस अधीक्षक हमीरपुर कमलेश दीक्षित का कहना है कि मृतकों को मकान दिलाने के नाम पर पंच्खुरा के निवासी संतराम उसके पिता शंकरी और मामा रामस्वरूप ने लाखों रुपये ले लिए थे. जब मामा- भांजे आरोपियों से रुपये लेने उनके गांव आए तो दोनों भाइयों ने गला घोंटकर मामा-भांजे को मार डाला. फिर बाइक के साथ दोनों की लाशों को कुएं फेंक दिया.
इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है. मृतक की बहन प्रिया के मुताबिक, 12 मार्च को उसका भाई और मामा सुमेरपुर थाना क्षेत्र के पंच्खुरा गांव गए थे. जिसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. किसी अनहोनी के संदेह में वो खुद सुमेरपुर थाने आई थी और पुलिस को लिखित शिकायत दी थी. मगर पुलिस ने केस ना दर्ज करते हुए उसे यह कह कर टाल दिया था कि यह कानपुर का मचला है इसलिए यह मामला कानपुर में दर्ज होगा.
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