एक अप्रैल से भारत सरकार ने एक नया नियम लागू किया गया है, इस नियम के तहत सरकार ने बीएस-3 वाहन कि बिक्री व रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगा दिया हैं। इस निय़म का सबसे ज्यादा प्रभाव ट्रैक्टर और निर्माण उपकरण वाहन पर विशेष रुप से पड़ा हैं। बता दे कि कई राज्यों के आरटीओ ने उत्सर्जन नियम भिन्न होने के बाद भी चार पहिया वाहन होने के कारण उनका पंजीकरण करने से मना कर दिया है। इनमें शामिल राज्य दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, असम और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों ने करीब 25000 ट्रैक्टरों और 1500 से अधिक निर्माण उपकरण वाहनों का पंजीकरण नहीं किया है। जिससे इन कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दे कि ट्रैक्टर भारत उत्सर्जन नियम 3 ए का पालन करते हैं और निर्माण उपकरण वाहनों में भारत चरण 3 नियम हैं। ये उत्सर्जन नियम भारत चरण 4 से भिन्न हैं जिसका भारत में सामान्यत, ऑटोमोबाइल पालन करते हैं। लेकिन सरकार ने कहा कि चाहे दोपहिया वाहन हो, तिपहिया, चार पहिया या वाणिज्यिक वाहन, वे बीएस-4 के में होना चाहिए।
क्या कहते है अधिकारी-
इस पर भारतीय निर्माण उपकरण विनिर्माता एसोसिएश के अध्यक्ष आनंद सुदर्शन का कहना है कि, बीएव 3 वाहनों पर पाबंदी लगाने का आदेश दिल्ली, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कई आरटीओ ने गलत व्याख्या किया जा रहा हैं। जिससे बीएस-3 के नए निर्माण उपकरण वाहनों का भी पंजीकरण नहीं हो रहा है।
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