बैंगलोर: बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने कर्नाटक के सीएम पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया था, वहीं, अब सूत्रों ने बताया है कि उन्होंने 10 जुलाई को ही इस्तीफा दे दिया था. हालांकि बीएस येदियुरप्पा ने इस सीक्रेट को इस्तीफे का ऐलान होने तक राज बनाकर रखा गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 10 जुलाई को येदियुरप्पा ने इस्तीफा (Yediyurappa Resign) दे दिया था और उसी दिन उनके करीबी नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी को उनका रिजाइन लेटर पहुंचा दिया था.
इसके 6 दिन बाद जब चार्टर्ड प्लेन के माध्यम से येदियुरप्पा दिल्ली पहुंचे, तो सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा खूब हुई कि वो इस्तीफा देने वाले हैं. वो भाजपा हाईकमान और पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि येदियुरप्पा ने खराब स्वास्थ्य के कारण पीएम मोदी को सीएम पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि येदियुरप्पा ने मीडिया के समक्ष इस्तीफे की बात को नकारते हुए कहा कि इन बातों को कुछ सच्चाई नहीं है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि उस मीटिंग में 78 वर्षीय येदियुरप्पा ने पीएम मोदी से कहा कि वह पद छोड़ने के लिए कुछ और वक़्त चाहते हैं. उन्होंने कथित रूप से कहा कि वह स्वतंत्रता दिवस को सीएम के रूप में अपने अंतिम रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं. इसका मतलब येदियुरप्पा ने लगभग एक और महीने की छूट की मांग की थी. वे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे. हर बैठक के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि पार्टी को उन पर काफी विश्वास है और पार्टी चाहती है कि वह कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करें.
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