एक ओर वाहन डीलरों पर मार्च के अंतिम सप्ताह में बीएस-4 वाहनों का स्टॉक खत्म करने का दबाव बना हुआ है तो वहीं संभागीय परिवहन कार्यालय में पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) खत्म हो गई हैं। ऐसे में 10 दिन से किसी भी वाहन खरीदार को आरसी नहीं मिल सकी है। इसके साथ ही बृहस्पतिवार तक 10 हजार से ज्यादा वाहनों की आरसी लंबित हैं। इसके अलावा जिले में सभी तरह के बीएस-4 वाहनों का पंजीयन 31 मार्च के बाद बंद हो जा सकता है । वहीं संभागीय परिवहन अधिकारी ने जिलेभर के वाहन डीलर्स को अपने स्टॉक को 29 मार्च तक का समय दे रखा है। वहीं ऐसे में वाहन डीलर्स के यहां फाइनेंस कंपनियां जहां ग्राहकों को बीएस 4 वाहनों की खरीद पर करीब दस हजार रुपये तक की छूट मुहैया करवा रही हैं इससे दोपहिया वाहनों और कारों की बिक्री में इजाफा हो गया है। रोजाना 500 से अधिक वाहनों की फाइलें आरटीओ पहुंच रही हैं। एक तरफ , आरटीओ में स्टॉक क्लीयरेंस का दबाव होने के बाद भी आरसी नहीं मिल पा रही हैं। इसके साथ ही आरटीओ के पंजीकरण विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि दस दिन से लखनऊ से आरसी का कागज नहीं आया है।वहीं ऐसे में 10531 वाहनों की आरसी जारी नहीं हो सकी है। वाहन एजेंसियों के कर्मचारी और वाहन खरीदार आरसी लेने के लिए आरटीओ के चक्कर काट रहे हैं।
ज्यादातर एजेंसियों पर स्टॉक खत्म. लेकिन बाहर से मंगा रहे गाड़ियां
शहर के अधिकतर वाहन डीलरों यहां बीएस-4 गाड़ियों का स्टॉक खत्म हो गया है। कुछ एक डीलरों के यहां इक्का दुक्का वाहन बचे हुए हैं। वहीं तेजस्व बजाज के अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि अब लोगों की डिमांड के आधार पर बीएस 4 गाड़ियों को फिरोजाबाद, मथुरा से मंगवाया जा रहा है। इसके बाद डिलीवरी दी जा रही है। फाइनेंस कंपनियों के माध्यम से इन गाड़ियों पर आठ से दस हजार रुपये तक की छूट दी जा रही है।वहीं सत्या होंडा के पंकज अग्रवाल ने बताया कि उनके यहां बीएस 6 वाहन आ चुके हैं। डिमांड के आधार पर बीएस 4 गाड़ियां मंगाई जा रही हैं।
आरसी जल्द जारी की जाएंगी: एआरटीओ
कार्यालय में आरसी का कागज खत्म हो गया है। वाहनों की बिक्री बढ़ने के कारण कागज की कमी आई है।इसके साथ ही लखनऊ मुख्यालय को डिमांड भेज दी गई है। वहीं सोमवार तक आरसी आने के बाद वितरित की जाएंगी। बीएस 4 वाहनों के साफ्टवेयर को तैयार किया जा रहा है। हो सकता है कि इसमें कुछ मोहलत मिल जाए। - अनिल कुमार सिंह, एआरटीओ (प्रशासन)
नई गाड़ी पर आरसी नहीं होने पर क्या हैं दिक्कतें
-आरसी नहीं होने पर हादसा होने पर क्लेम मिलने में दिक्कतें आती हैं।
-ज्यादातर लोग जिले से बाहर जाने के लिए अस्थायी नंबर ले सकते हैं मगर यह भी आसानी से नहीं मिलता। आरटीओ के चक्कर
काटने पड़ते हैं।
-हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट आने के बाद एक सप्ताह से 15 दिन लगते हैं।
-आरसी नहीं होने पर परमिट नहीं मिल पाता है।
टैक्स कलेक्शन पर भी कोरोना वायरस का असर
वैश्विक मंदी की आशंका: कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के शेयर बाजार में हड़कंप