नई दिल्लीः कर्ज के बोझ से दबी ओर नकद का संकट झेल रही सरकारी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को सरकार आर्थिक मदद दे सकती है। ,सरकार एक और कंपनी एमटीएनएल को भी फंड दे सकती है। सरकार इन कंपनियों को 4-जी स्पेक्ट्रम का आवंटन भी करेगी। सराकरी बैंकों में पूंजी डालने के बाद सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है। दूरसंचार विभाग ने इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट के सामने प्रस्ताव रखा है। कैबिनेट इसी महीने इन प्रस्तावों पर निर्णय ले सकती है। सरकार इसके लिए सॉलिसिटर जनरल से कानूनी सहायता ले चुकी है।
सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को 4-जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से पहले कानूनी हरी झंडी मिलना जरूरी था। बीएसएनएल और एमटीएनएल सरकारी कंपनी होने के नाते स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा नहीं लेती हैं। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कैबिनेट स्पेक्ट्रम आवंटन पर इस महीने के तीसरे सप्ताह में फैसला ले सकती है। इसके बाद आगे की कार्रवाई में तीन से छह महीने का समय लगेगा।
डाटा प्रतिस्पर्धा के इस दौर में 4-जी स्पेक्ट्रम नहीं होने के कारण सरकारी टेलीकॉम कंपनियां निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रही हैं। बैंकों की तरह बीएसएनएल और एमटीएनएल को भी बांड के जरिए पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। यह दोनों कंपनियां पूंजी के गंभीर संकट से गुजर रही हैं। बीएसएनएल अपने 1.76 लाख कर्मचारियों को पिछले महीने वेतन नहीं दे पाई है। वहीं एमटीएनएल ने पिछले दो महीने से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है। बता दें कि इन टेलीकॉम कंपनियों के सीनियर अधिकारी पहचान गुप्त रखते हुए कंपनी की खराब माली हालत के बारे में बता चुके हैं।
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