लखनऊः उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के संस्थापक और दिग्गज दलित नेता कांशीराम की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की । मायावती ने इस मौके पर यूपी का उदाहरण देते हुए कहा कि जातिवादी व संकीर्ण ताकतें बीएसपी आंदोलन को चुनौतियां, मगर वह आगे बढ़ते रहे। उन्होंने कांशीराम को पुष्पांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के साथ उनके सपनों को साकार करने का संकल्प भी लिया।
मायावती ने आज यानि बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा कि 'बामसेफ, डीएस4 व बीएसपी मूवमेंट के जन्मदाता व संस्थापक कांशीरामजी को आज उनकी पुण्यतिथि पर बीएसपी द्वारा देश व विशेषकर यूपी में अनेकों कार्यक्रमों के जरिए भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित। उपेक्षितों के हक में उनका संघर्ष था 'वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा।' बसपा मुखिया ने कहा कि दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित प्रेरणा केंद्र में और लखनऊ में बीएसपी सरकार द्वारा वीआइपी रोड में स्थापित भव्य मान्यवर श्री कांशीरामजी स्मारक स्थल के आयोजनों में बहुजन नायक कांशीराम को पुष्पांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित।
उनके सपनों को साकार करने का संकल्प। पिछड़े, दलितों और आदिवासियों को राजनीति में एक अहम स्थान दिलाने वाले कांशीराम डॉ. भीमराव आंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। बुधवार को उनकी 13वीं पुण्यतिथि है। 9 नवंबर, 2006 को उनका निधन हुआ था। पंजाब के एक दलित परिवार कांशीराम का जन्म 15 मार्च, 1934 में हुआ था। उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर दलितों के लिए काम करने का फैसला लिया।
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