लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 2019 लोकसभा चुनावों में भी 'हाई टेक प्रचार प्रसार' का सहारा नहीं लेगी और पार्टी पुराने परंपरागत तरीके अपनाकर ही चुनाव मैदान में ताल ठोंकेगी। बहुजन समाज पार्टी का प्रचार पुराने परंपरागत ढंग से ही होगा जिसमें ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर पार्टी सुप्रीमो मायावती की जनसभाएं आयोजित करना और पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव और बूथ-बूथ जाकर लोगों के साथ संपर्क करना शामिल हैं।
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इसका मतलब यह है कि बसपा के चुनाव प्रचार में न तो बड़े बड़े एलईडी का इस्तेमाल होगा, न हाईटेक रथ और न ही कोई आईटी सेल सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार की जंग में विरोधी पार्टियों पर हमले करेगा। बसपा सुप्रीमो मायावती वैसे तो कुछ दिन पहले ही पहली मर्तबा ट्विटर पर आई थी और देखते ही देखते उनके फॉलोअर की तादाद लगभग डेढ़ लाख तक पहुंच गई है।
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हालांकि कुछ बड़ी जनसंपर्क एजेंसिया (पीआर) सोमवार को बसपा के लखनऊ स्थित दफ्तर गई थी और पार्टी के कुछ नेताओं के समक्ष अपने काम का प्रस्तुतीकरण भी दिया था किन्तु उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था। इस कारण बसपा ने अपने परंपरागत तरीके से ही चुनाव प्रचार करने का फैसला लिया है। इस बारे में एक बसपा नेता ने जानकारी देते हुए बताया है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के दम पर ही चुनाव अभियान को आगे बढ़ाएगी।
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