नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने एक बार फिर से ब्राह्मणों को लुभाने की कवायद शुरु कर दी हैं. मायावती की निगाह उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव पर है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने पुराने दलित-सवर्ण वोट बैंक को फिर से इकठ्ठा करने की तैयारी में लग गई हैं. इसके लिए उनका पूरा ध्यान ब्राह्मण वोट बैंक पर है. इसी कारण दलित वोट बैंक की सियासत करने वाली मायावती ने ब्राह्मणों को बड़ी जिम्मेदारियां देनी आरंभ कर दी है.
मायावती की सोशल इंजीनियरिंग निरंतर जारी है. इसीलिए मायवती ने ब्राह्मणों को बड़ी बड़ी जिम्मेदारियां देनी आरंभ कर दी है. दलित सियासत से पहचान बनाने वाली बसपा का नेतृत्व लोकसभा में रितेश पांडेय कर रहे हैं. जो कि यूपी के अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से सांसद हैं. इसके साथ ही राज्यसभा में बसपा का नेतृत्व हमेशा की तरह सतीश चंद्र मिश्रा के ही पास है. लोकसभा और राज्यसभा जैसे सत्ता की सियासत के प्रमुख केन्द्रों में बसपा की बागडौर ब्राह्मणों के हाथ में थमाकर मायावती ने अपने इरादों के संकेत दे दिए हैं.
इसके साथ ही मायावती एक और विशेष योजना बना रही हैं. जिसके तहत बसपा के नेता यूपी के गांवों में ब्राह्मणों को मनाने के लिए 'पैर छुओ अभियान' चलाएगी. आम तौर पर ब्राह्मण समाज काफी स्वाभिमानी माना जाता है. बसपा अध्यक्ष मायावती को उम्मीद है कि 'पैर छुओ अभियान' से प्रभावित होकर ब्राह्मण उन्हें वोट दे देंगे.
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