लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती किस समय दिल्ली में होती हैं और कब लखनऊ में, यह किसी को पता नहीं होता. मगर, इसबार जब मायावती दिल्ली पहुंचीं, इसका बाकायदा ऐलान किया गया. ये भी बताया गया कि वो लंबे समय तक दिल्ली में रहेंगी. इसके बाद एक नई चर्चा शुरू हो गई है कि मायावती के लंबे समय तक दिल्ली में रहने की घोषणा करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? क्या मायवती ये संदेश देना चाहती हैं कि उनकी नजर अब दिल्ली की राजनीति पर है या उनका कुछ और प्लान है.
दरअसल, कोई बसपा सुप्रीमो के इस कदम को 2024 के चुनाव को लेकर पार्टी के प्लान पर दिल्ली से अमल का संकेत बता रहा है, तो कोई कुछ और कह रहा है. बसपा के नेता इसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र मायावती का दिल्ली में बेस बनाना जरूरी था, जिससे हर राज्य की गतिविधि पर निगाह रखी जा सके.
वहीं, मायावती ने दिल्ली में कदम रखते ही चुनावी राज्यों के कोऑर्डिनेटर और संगठन से जुड़े लोगों की मीटिंग बुलाई. इस बैठक की एक तस्वीर बाहर भी आई, जिसमें मायावती के भतीजे और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद उनके दाहिनी ओर बैठे दिखाई दिए. मायावती, आकाश को राजनीति में पहले ही लॉन्च कर चुकी हैं. आकाश को बसपा ने 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी जिम्मेदारी भी दे रखी है, मगर अब उनका दाहिनी तरफ नजर आने के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं.
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