नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी संग्राम में नित नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। विधानसभा में बहुमत की जंग, अदालत में लड़ी जा रही है। सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों के अदालत पहुंचने के बाद अब मायावती की नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी उच्च न्यायालय का रुख करेगी। बसपा ने कल यानी रविवार को एक व्हिप जारी करने के बाद पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थमने वाले छह विधायकों के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी। आपको बता दें कि बसपा के सभी छह विधायक गत वर्ष कांग्रेस में भर्ती हो गए थे।
सिंतबर महीने में बसपा के सभी छह विधायकों ने अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखकर बसपा विधायक दल को कांग्रेस में विलय को स्वीकृति दिए जाने के लिए आवेदन दिया था। उसे मंजूर भी कर लिया गया था। विधाकों के दल बदलने से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने अशोक गहलोत पर करारे प्रहार किए थे। हालांकि राजस्थान में बसपा गहलोत सरकार का सपोर्ट कर रही थी। आपको बता दें कि दस वर्षों में यह दूसरी घटना थी, जब अशोक गहलोत ने बसपा के सभी विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था।
बसपा के सभी छह विधायकों के कांग्रेस में आ जाने के बाद कांग्रेस ने बहुमत के लिए आवश्यक 101 के आंकड़े को पार कर लिया था। गहलोत सरकार को 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों और पांच अन्य विधायकों ने भी समर्थन दिया था।
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