पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीएसएससी पर्चा लीक कांड के मुख्य आरोपी रामाशीष राय से लालू प्रसाद के संबंधों की जांच कराने की चुनौती देते हुए कई सवाल उठाए.
सुशील मोदी ने कहा कि अगर लालू प्रसाद रामाशीष राय को नहीं पहचानते हैं तो फिर चारा घोटाले के एक मामले में राय उनके जमानतदार कैसे बने?टॉपर घोटाले के बच्चा राय को भी लालू प्रसाद ने जानने से इंकार किया था जबकि अनेक चुनावी सभाओं में वे दोनों साथ-साथ दिखे थे.
मोदी ने कहा कि रामाशीष राय के नजदीकी रामसिंहासन यादव को क्या राबड़ी देवी के मुख्यमंत्रित्व काल में ही बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नहीं बनाया गया था? क्या रामसिंहासन यादव ने ही जोड़ तोड़ कर रामाशीष राय को बीपीएससी में लाकर अपना पीए नहीं बनाया था?
यही नही सुशील मोदी ने सवाल उठाया कि रामाशीष राय के एवीएन स्कूल के प्रबंधक रामसुमेर सिंह को केन्द्राधीक्षक कैसे बनाया गया जबकि वह न तो प्राचार्य और न ही शिक्षक है. जब सीबीएसई ने परीक्षा में धांधली और कई अनियमितताओं के आरोप में 2015 में ही एवीएन स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी तो फिर वहां परीक्षा केन्द्र क्यों और किसके दबाव में बनाया गया?
मोदी ने यह भी कहा कि घोटाले के आरोप में बीपीएससी चेयरमैन रामसिंहासन यादव और 09 मई, 2006 को उनके पीए रामाशीष राय को भी 1.42 करोड़ रुपये की आय से अधिक सम्पति के मामले में गिरफ्तार किया गया और 2012 में उसकी सम्पति जब्त करने की कोर्ट से अनुमति मांगी गई थी. मुख्यमंत्री बतायें कि उस मुकदमे का क्या हुआ और आज तक उसकी सम्पति जब्त क्यों नहीं हुई?
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