'बुद्धं शरणं गच्छामि' मतलब 'मै बुद्ध की शरण में जाता हूँ'. बुद्ध शांति का एक ऐसा प्रतीक है जिसने अपने विचारों से पुरे विश्व में शांति का एक ऐसा आंदोलन चलाया था जिसके कारण बुद्ध आज भी लोगों के लिए आदर्श बने हुए है. बुद्ध के विचारों से आज जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हमारे शरीर के अंदर होता है वो आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बेहद जरुरी है. आइये जाने है बुद्ध के कुछ ऐसे विचारों के बारे में.
शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करता है. यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है. यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है.
सत्य के मार्ग पे चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है; पूरा रास्ता ना तय करना, और इसकी शुरआत ही ना करना.
मन और शरीर दोनों के लिए स्वास्थय का रहस्य है- अतीत पर शोक मत करो, ना ही भविष्य की चिंता करो, बल्कि बुद्धिमानी और ईमानदारी से वर्तमान में जियो.
अंत में ये चीजें सबसे अधिक मायने रखती हैं: आपने कितने अच्छे से प्रेम किया? आपने कितनी पूर्णता के साथ जीवन जिया? आपने कितनी गहराई से अपनी कुंठाओं को जाने दिया.
हमें हमारे सिवा कोई और नहीं बचाता. न कोई बचा सकता है और न कोई ऐसा करने का प्रयास करे. हमें खुद ही इस मार्ग पर चलना होगा.