नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली कल 1 फरवरी बुधवार को आम बजट पेश करेंगे. इस बार का बजट कई मायनों में अहम है . पहला तो यह कि आम बजट 28 या 29 फरवरी की बजाय 1 फरवरी को पेश होगा. दूसरा यह कि 93 साल में ऐसा पहली बार होगा जब रेल बजट पेश नहीं होगा. यह आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा.
ऐसा होगा पहली बार
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार हाेगा जब रेल बजट को आम बजट में मर्ज किया जाएगा. 1924 में अंग्रेजों के समय से 2016 तक रेल बजट अलग से पेश किया जाता रहा है.बता दें कि नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय और किशोर देसाई की समिति ने रेल बजट खत्म करने की सिफारिश की थी. दूसरी खास बात यह है कि 1924 से आम बजट फरवरी की अंतिम तारीख को पेश किया जाता रहा है.लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब बजट फरवरी की पहली तारीख को पेश होगा.बता दें कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सालाना खर्च से जुडी योजनाएं और प्रस्तावों को अगले वित्तीय वर्ष शुरू होने से काफी पहले संसद की मंजूरी मिल सके.
हो सकती है यह ख़ास दस घोषणाएं
कल पेश होने वाले बजट को लेकर लोगों में बहुत उत्सुकता है. वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार बजट में यह दस घोषणाएं की जा सकती है. 50 हजार रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर वित्तमंत्री टैक्स लगा सकते हैं.यह 1 से 2 फीसदी टैक्स लग सकता है.इसी तरह बजट में इनकम टैक्स में छूट 2.5 लाख से बढ़कर तीन लाख रुपए वार्षिक की जा सकती है.फ़िलहाल 2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता.इसके अलावा अरुण जेेटली बजट में सर्विस टैक्स को मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 16-18 फीसदी करने का एलान कर सकते हैं. इसका उद्देश्य इसकी दर को GST के लिए प्रस्तावित दर के करीब लाना है. वहीं सरकार बजट में रेल सफर पर छूट या रियायतों के लिए आधार नंबर को जरूरी बना सकती है.
सरकार इस बार के बजट में चीनी मीलों पर लगने वाला सेस वापस ले सकती है.इससे चीनी के भाव कम हो सकते हैं.इसी तरह काॅर्पोरेट टैक्स में दो फीसदी की कमी की जा सकती है.जो मौजूदा दर 30 से घटकर 28 फीसदी रह सकती है.उधर, आम बजट में रेल बजट में सीधे रेल किराए में इजाफा होने के आसार कम हैं. बीच-बीच में किराया बढ़ाने का विकल्प सरकार अपना सकती है.बढ़ते रेल हादसों को देखते हुए आम बजट में रेलवे में सुरक्षा बढ़ाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के फंड का एलान भी हो सकता है.
अ नुमान है इस बार रक्षा बजट में 10 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है. पिछली बार रक्षा बजट 3.40 लाख करोड़ रुपए था. चुनाव आयोग के प्रतिबन्ध के कारण सरकार पंजाब-यूपी समेत पांच चुनावी राज्यों के लिए बजट में कोई एलान नहीं कर सकेगी लेकिन वह स्वास्थ्य -शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों , किसानों, गांवों और महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं कर सकती है.
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