नई दिल्ली: आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में यदि सबसे अधिक इंतजार पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती का है तो आपके हाथ मायूसी लग सकती है. मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार का टैक्स कलेक्शन बेहद कम रहने के आसार हैं. टैक्स कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपए कम रहने के आसार है. ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के टैक्स के मोर्चे पर कोई खुशखबरी देने की गुंजाइश कम ही लग रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम और कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपए कम रह सकता है.
वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन निर्धरित लक्ष्य से 50,000 करोड़ रुपए कम रह सकता है. यानी कुल मिलाकर 2 लाख करोड़ रुपए की कमी. अब जब सरकार पहले ही टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर इतना बड़ा नुकसान उठाती रही है, तो जाहिर है बजट में टैक्स कटौती की घोषणा की गुंजाइश कम बनती है. बता दें कि सितंबर 2019 में अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला ने कॉर्पोरेट टैक्स रेट में बड़ी कटौती की घोषणा की थी.
ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि आगे पर्सनल इनकम टैक्स में भी कटौती की घोषणा की जा सकती है. बहरहाल, उम्मीद से कम टैक्स कलेक्शन का अनुमान और विनिवेश लक्ष्य पूरा न होने की वजह से इसकी गुंजाइश खत्म सी दिख रही है. 28 वर्षों में पहली दफा कॉर्पोरेट टैक्स में इतनी बड़ी कटौती की गई थी और इस 10 फीसदी की कटौती से सरकारी खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का भार बढ़ गया था.
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