नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वर्ष 2020-21 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए नौकरीपेशा लोगों से संबंधित कई ऐलान किए. इनकम टैक्स स्लैब में तो परिवर्तन किए ही गए हैं, अब टैक्स छूट के लिहाज से EPF, NPS जैसे साधनों में निवेश की सीमा निर्धारित कर दी गई है जिसकी वजह से इन पर भी टैक्स लगने की संभावना बन गई है.
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है कि टैक्स छूट के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF),नेंशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और सुपरएनुएशन यानी रिटायरमेंट फंड में निवेश की संयुक्त ऊपरी सीमा 7.5 लाख रुपये तक कर दी गई है. इन तीनों में टैक्स छूट का लाभ मिलता है. बजट डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि, 'यह प्रस्ताव किया जाता है कि एक वर्ष में कर्मचारी के खाते में नियोक्ता द्वारा भविष्य निधि, सुपरएनुएशन फंड और NPS में निवेश की ऊपरी सीमा 7.5 लाख रुपये निर्धारित किया जाए.'
यह नया नियम 1 अप्रैल, 2021 से लागू हो जाएगा और आकलन वर्ष 2021-22 के लिए मान्य रहेगा. इसका अर्थ यह है कि इन सभी योजनाओं में किसी कर्मचारी का एक वर्ष में निवेश 7.5 लाख रुपये से अधिक है तो उस पर टैक्स लग जाएगा. इसके पहले PF और NPS में नियोक्ता द्वारा किया जाने वाला निवेश पूरी तरह से टैक्स फ्री था और इसकी कोई सीमा भी तय नहीं थी. केवल यह सीमा थी कि नियोक्ता कर्मचारी के CTC वेतन के 12 % के बराबर PF में योगदान करेगा.
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