वित्त मंत्री अरुण जेटली कल बजट पेश करेंगे .नौकरीपेशा, व्यापारी , बेरोजगार और किसानों को इस बजट से बहुत उम्मीद है , लेकिन मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की नाउम्मीदी जाहिर की जा रही है , क्योंकि कई एक्टिविस्ट और इकोनॉमिस्ट की इस संदर्भ में केंद्र से उनकी वार्ता असफल रही है.
मिली जानकारी के अनुसार महिला और बाल विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए किसी भी तरह की वृद्धि की मांग नहीं की है. बता दें कि इस योजना में पहली बार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को छह हजार रुपये की सहायता देने का प्रावधान है. कहा जा रहा है कि इस साल भी इस कार्यक्रम के लिए 2,500 करोड़ बजट आवंटन का प्रावधान किया गया है.जबकि पहले यह राशि 2700 करोड़ थी, जिसे कम कर दिया गया .
गौरतलब है कि 60 से अधिक शीर्ष अर्थशास्त्रियों ने गत दिसंबर में वित्तमंत्री से आग्रह किया था कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम में अलग-अलग 2,700 करोड़ रुपये देने का प्रावधान है, इसलिए इसका भी बजट आवंटन 2,700 करोड़ का होना चाहिए. यह मांग भी रखी थी कि यह लाभ सिर्फ पहले बच्चे के जन्म तक ही सीमित न हो . नीति आयोग ने भी मात्र पहले बच्चे के जन्म पर ही यह लाभ देने को अनुचित माना था. इस बारे में खाद्य अधिकार अभियान की संयोजक दीपा सिन्हा ने निराश होकर कहा कि सरकार इस कार्यक्रम को लेकर अधिक गंभीर नहीं है. ऐसे में मातृत्व लाभ के लिए बजट आवंटन की उम्मीद करना बेमानी है.
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