मेरठ: गौहत्या की घटना के बाद बुलंदशहर में भड़की हिंसा के मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है, पहले पुलिस पर आरोप लगे थे कि वो घटना के मुख्य आरोपी योगेश राज का बचाव कर रही है. हालांकि मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक ने इस बात से साफ़ इनकार कर दिया है. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि हिंसा ने मारे गए स्टूडेंट सुमित का नाम भी एफआईआर से हटाने के लिए पुलिस राजी नहीं है.
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जबकि एडीजी ने सैनिक जीतू फौजी को हिंसा फैलाने का आरोपी करार दिया है, एडीजी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज पर कार्रवाई करने को लेकर पुलिस पर दबाव की बात को नकारते हुए कहा कि अगर पुलिस पर कोई दबाव होता तो उसके खिलाफ एफआईआर ही दर्ज नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि इस घटना में जो भी लोग शामिल है उन लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा, जल्दी आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जाएगी.
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एडीजी ने एफआईआर से सुमीत का नाम हटाने की बात से भी इंकार कर दिया, एडीजी ने कहा कि जब सुमीत मामले में नामजद है तो फिर नाम निकालने की बात कहां से आ गई. एडीजी ने सवाल करते हुए कहा कि पहले यह कहा जा रहा था कि हिंसा में सुमीत शामिल ही नहीं था और अब कह रहे हैं कि उसका नाम निकाल दिया.
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