एशिया के दूसरे सबसे बड़े चर्च पर चलेगा बुलडोज़र, यहाँ हर महीने 3000 हिन्दुओं का होता था धर्मान्तरण..!

एशिया के दूसरे सबसे बड़े चर्च पर चलेगा बुलडोज़र, यहाँ हर महीने 3000 हिन्दुओं का होता था धर्मान्तरण..!
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गुंटूर:आंध्र प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने गुंटूर जिले के पेडकाकनी मंडल के नम्बुरु गाँव में स्थित कैल्वरी टेम्पल चर्च को अवैध बताते हुए इसे ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं। जाँच में पाया गया कि यह चर्च बिना कानूनी अनुमति के संचालित हो रहा था। यह कार्रवाई उस शिकायत के आधार पर की गई है, जो नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई थी। 

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि चर्च पंचायती राज, राजस्व, पुलिस और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे आवश्यक सरकारी विभागों से अनुमति लिए बिना संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही, चर्च के पादरी सतीश कुमार पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने टैक्स चुकाए बिना दान के जरिए बड़ी धनराशि एकत्र की और गरीबों को सहायता का लालच देकर हिंदुओं का धर्मांतरण किया। 

शिकायत के बाद हुई जाँच में खुलासा हुआ कि चर्च हर महीने लगभग 3,000 हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहा था। पादरी सतीश कुमार ने स्वयं दावा किया कि अब तक 3.5 लाख से अधिक हिंदुओं का धर्मांतरण किया जा चुका है। इसके अलावा, अगले 10 वर्षों में पूरे भारत में 40 नए चर्च स्थापित करने की उनकी योजना भी उजागर हुई। अक्टूबर 2024 में "एक न्यूज़ चैनल" द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कैल्वरी चर्च की धर्मांतरण गतिविधियों का विवरण दिया गया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। 28 अक्टूबर को लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फ़ोरम (LRPF) ने भी जानकारी दी कि काकीनाडा के जिला कलेक्टर के आदेश पर चर्च की संपत्तियों को ज़ब्त कर लिया गया है। चर्च पर भूमि कब्जाने और कानून के उल्लंघन के आरोप लगे हैं।

कैल्वरी टेम्पल चर्च की स्थापना 2005 में सतीश कुमार ने की थी। यह चर्च एशिया के सबसे बड़े चर्चों में गिना जाता है, जिसके 4 लाख से अधिक सदस्य और हर सप्ताह 20,000 से ज्यादा उपस्थिति दर्ज होती है। चर्च के अलावा, सतीश कुमार का संगठन कैल्वरी बाइबल कॉलेज, कैल्वरी अस्पताल और कैल्वरी स्कूल भी संचालित करता है। सतीश कुमार का आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रभावशाली स्थान माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पहचान है। 2018 में, अमेरिका के तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सतीश कुमार से मुलाकात की थी, जिसे उन्होंने प्रेरणादायक बताया था।

हालाँकि, कैल्वरी चर्च खुद को एक परोपकारी संगठन के रूप में पेश करता है, लेकिन इसकी गतिविधियाँ और मिशन धर्मांतरण की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती हैं। चर्च मुफ्त भोजन, शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के जरिए गरीबों को आकर्षित करता है, जिससे उसका अनुयायी आधार बढ़ता है। चर्च ने दावा किया है कि उसका निर्माण केवल 52 दिनों में पूरा किया गया था, जो उसकी लोकप्रियता बढ़ाने का एक और प्रयास लगता है। 

सरकार की जाँच में यह स्पष्ट हुआ कि चर्च की कई गतिविधियाँ अवैध थीं। इसके अलावा, चर्च द्वारा दान की गई राशि का इस्तेमाल धर्मांतरण और अन्य संदिग्ध कार्यों के लिए किया गया। वर्तमान में चर्च और सतीश कुमार दोनों पर कानूनी कार्रवाई जारी है। आगे की कार्रवाई के तहत चर्च की उन संरचनाओं को ध्वस्त किया जाएगा, जो बिना कानूनी अनुमति के बनी हैं। यह मामला भारत में धर्मांतरण से जुड़े विवादों और उनके प्रभाव को लेकर एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।

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