तुगलकाबाद में अतिक्रमण पर चलता रहेगा बुलडोज़र, कार्रवाई रोकने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

तुगलकाबाद में अतिक्रमण पर चलता रहेगा बुलडोज़र, कार्रवाई रोकने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तुगलकाबाद में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि इलाके में बहुत अतिक्रमण है, यहां तक दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की 60 फीसदी भूमि अतिक्रमण के चपेट में है. न्यायालय ने आगे कहा है कि जिनके मकान तोड़े जा रहे हैं, उनको मुआवजा प्रदान करने और और उनके पुनर्वास के मामले को लेकर कल सुनवाई करेगा.

मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने शीर्ष अदालत  को बताया कि तुगलकाबाद में अतिक्रमण प्रभावित इलाके में रहने वाले लोगों को दूसरे स्थान पर बसाने की प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी है. प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि विवादित आदेश कुछ दिन पहले पारित किया गया था. कृपया यथास्थिति बहाल करें. हजार घर ध्वस्त किए जा चुके हैं और ढहाए जाएंगे. हालाँकि, अदालत ने कार्रवाई रोकने से फ़िलहाल इंकार कर दिया है। 

बता दें कि गत माह की 24 तारीख को उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह के भीतर तुगलकाबाद किले से अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के आदेश के बाद रविवार से अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई भी आरम्भ कर दी गई. पहले दिन लगभग 1300 अवैध मकान और झुग्गियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया और कार्रवाई लगातार जारी है. अतिक्रमण हटाने को लेकर मौके पर बड़ी संख्या में फोर्स को भी तैनात किया गया है. वहीं, अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश भी है. उनका कहना है कि उनके जीवनभर की कमाई से बनाया गया उनका घर पल भर में ध्वस्त कर दिया जा रहा है.

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