पटना: बिहार विधानसभा ने बृहस्पतिवार को बिहार नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। इसमें नागरिक निकायों के लिए सार्वजनिक भूमि पर विध्वंस अभियान चलाने से पहले अतिक्रमणकारियों को पूर्व सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, जिनके पास शहरी विकास विभाग का प्रभार भी है, द्वारा ये विधेयक पेश किया गया था। यहां सारण जहरीली शराब त्रासदी को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ये विधेयक सदन में पारित हो गया।
विधेयक के मुताबिक, निकाय अफसर नोटिस जारी करने के 24 घंटे पश्चात् अस्थायी अतिक्रमण एवं 15 दिन की नोटिस अवधि के पश्चात् ही स्थायी अतिक्रमण हटा सकते हैं। यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार उन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराने के लिए एक पुनर्वास नीति लेकर आ रही है, जिनके घर हाल ही में अतिक्रमण विरोधी अभियान के समय ध्वस्त कर दिए गए थे।
संबंधित अफसर पहले से ही प्रभावित लोगों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण के मुताबिक, सरकार उन 48,000 प्रभावित झुग्गी-झोपड़ियों के पुनर्वास की तैयारी कर रही है, जिनके घर पटना में हाल के अभियानों के चलते ध्वस्त कर दिए गए थे। विधानसभा ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2022 भी पारित किया। विधेयकों के पारित होने के पश्चात् सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही आरम्भ होते ही भाजपा विधायकों ने सारण जहरीली शराब कांड को लेकर सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी आरम्भ कर दी, जिसमें जहरीली शराब पीने से 26 व्यक्तियों की मौत हो गई है।
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