श्रीनगर: जम्मू के मुठी इलाके में कश्मीरी पंडित प्रवासियों की दुकानों पर जम्मू विकास प्राधिकरण (JDA) ने कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन दुकानों को ध्वस्त कर दिया। यह घटना 20 नवंबर 2024 को हुई और इससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया। ये दुकानें उन कश्मीरी पंडित परिवारों की थीं, जिन्हें तीन दशक पहले तत्कालीन सरकार ने इस इलाके में बसाया था। दुकानदारों का आरोप है कि यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना के की गई, जबकि JDA ने इसे गलत बताते हुए कहा कि प्रभावित लोगों को पहले से नोटिस दिया गया था।
Heartbreaking scenes emerge as Kashmiri Pandit shopkeepers stand helplessly by the rubble of their demolished shops, reportedly brought down by the JDA without prior notice. This comes as yet another blow to a community that has endured unimaginable hardships for decades. What… pic.twitter.com/jyQ1w9yPhB
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 21, 2024
JDA के उपाध्यक्ष पंकज शर्मा ने बताया कि मुठी इलाके में 25 कनाल ज़मीन है, जहाँ कश्मीरी पंडितों को शुरुआती तौर पर अस्थायी रूप से बसाया गया था। बाद में इन परिवारों को जगती और पुरखू में नए फ्लैट्स में शिफ्ट कर दिया गया। शर्मा का कहना है कि इस जमीन पर 208 फ्लैट्स बनाने की योजना है, जिनका टेंडर जारी हो चुका है। प्रशासन का दावा है कि फरवरी तक यह जगह खाली करने का वादा किया गया था, लेकिन चुनाव आचार संहिता और अन्य कारणों से यह कार्रवाई देर से हुई। JDA ने बताया कि दुकानदारों के लिए दूसरी जगह 10 नई दुकानों का प्रबंध किया जा रहा है।
इस विध्वंस के बाद स्थानीय लोग और कश्मीरी पंडित संगठनों ने विरोध जताया। एक बुजुर्ग दुकानदार का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह रोते हुए अपनी परेशानी बयां कर रहे थे। कई राजनीतिक दलों ने भी इस कार्रवाई की आलोचना की। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस घटना को कश्मीरी पंडितों पर एक और अन्याय बताया और सरकार पर निशाना साधा है। J-K अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा कि विध्वंस से पहले प्रभावित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए थी। हालाँकि, भाजपा इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त हमलवार है, और कांग्रेस-NC गठबंधन की सरकार पर सवाल दाग रही है। भाजपा प्रवक्ता जी.एल. रैना ने इसे NC-कांग्रेस सरकार की "बदले की कार्रवाई" बताया और कश्मीरी पंडितों के लिए उचित प्रबंध की माँग की।
वहीं, राहत आयुक्त अरविंद करवानी ने कहा कि प्रभावित दुकानदारों को जल्द ही नई दुकानें दी जाएँगी। JDA के अनुसार, केवल 1-2 लोग इस मुद्दे को बड़ा बना रहे हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की सरकार बनी है, और इस घटना को लेकर सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप भी लगाया जा रहा है। कई लोग इसे कश्मीरी पंडित समुदाय के प्रति सरकार के रुख के संदर्भ में देख रहे हैं। इस विवाद के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और प्रभावित लोग राहत और पुनर्वास की माँग कर रहे हैं। हैरानी की बात ये भी है कि कांग्रेस, NC समेत तमाम विपक्षी पार्टियां बुलडोज़र एक्शन पर सवाल उठाती रहीं हैं और अदालतों तक इस मुद्दे को ले गईं हैं, वहीं अब उनकी ही सरकार में बुलडोज़र की कार्रवाई हो रही है, तो उन पर सवाल जरूर उठ रहे हैं।
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