आज तक अपने कई मंदिर देखे होंगे जो अपने आप में विचित्र होंगे. वैसे हर मंदिर में ही भगवान की पूजा की जाती है लेकिन हम आपको आज जिस मंदिर के बारे में बता रहे हैं वहां पर किसी भगवान नहीं बल्कि एक बाइक की पूजा की जाती है. जी हां... इस मंदिर में लोग बुलेट के सामने अपना मत्था टेककर दुआ मांगते है. यह मंदिर राजस्थान के पाली में है जहां सभी लोग बुलेट की पूजा करते हुए तो दिख ही जाएंगे.
यहाँ एक मंदिर है जिसका नाम ओम बन्ना मंदिर है. दरअसल यहाँ 5 मार्च 1965 को ठाकुर ओम सिंह राठौड़ का जन्म हुआ था. उन्हें यहाँ के लोग ओम बन्नासा कहकर बुलाते थे. ओम बन्नासा को बुलेट का बहुत शौक था और वो हमेशा अपनी बुलेट का ध्यान रखते थे कभी उसे अपने से दूर नहीं होने देते थे. एक बार बन्नासा अपनी बाइक से पत्नी के ससुराल उससे मिलने गए थे. शाम को घर लौटते समय उन्हें देर हो गई तो उन्होंने अपनी बाइक स्पीड में बढ़ाई. आगे एक अँधा मोड़ था ओम बन्नासा को मोड़ दिखा नहीं और उनका एक्सीडेंट हो गया. पुलिस ने केस बनाकर ओमबन्ना सा की बाइक पुलिस स्टेशन में रख ली और उनकी लाश घर पंहुचा दी लेकिन अगले ही दिन थाने से ओम बन्नासा की बाइक गायब हो गई.
इसके बाद फिर उनकी बाइक उस जगह मिली जहां ओम बन्नासा का एक्सीडेंट हुआ था जिसके बाद पुलिस बाइक को फिर थाने ले आई लेकिन अगले दिन फिर बाइक थाने से गायब हो गई. और उसी जगह पर पड़ी मिली. पुलिस को लगा बाइक चोर ले जाते है तो उन्होंने इस बार बाइक का सारा पेट्रोल निकालकर उसमे मोटी सी चैन बांध दी, लेकिन अगले दिन फिर बाइक गायब मिली. फिर सभी गांववालों को लगा कि ये ओम बन्नासा की आत्मा ही है जो बाइक गायब कर रही है. इसलिए उन्होंने गांव में बाइक की एक स्मारक बनाने के फैसला लिया और फिर सभी लोगों ने वहां पूजा करना शुरू कर दी.
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