दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने वाले पति को 9 वर्ष की जेल हुई है। इस मामले में अपराधी के माता-पिता एवं उसकी बहन को भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है। मामले में 7 वर्षों तक फास्ट ट्रैक कोर्ट में चली सुनवाई के पश्चात् फैसला आया है।
प्राप्त खबर के अनुसार, वैशाली नगर विधानसभा के नेहरू नगर निवासी कारोबारी निमिष अग्रवाल (42) की शादी 2007 में हुई थी। शादी के कुछ दिन पश्चात ही कारोबारी निमिष ने पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करना आरम्भ कर दिया। इतना ही नहीं कारोबारी पत्नी को अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए भी विवश करता था। इस बीच पति की प्रताड़ना से परेशान होकर पत्नी 2016 में ससुराल छोड़कर मायके में रहने लग गई। कुछ वक़्त पश्चात् पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया तथा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। दुर्ग जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस मामले में सबूतों तथा बयानों के आधार पर आरोपी निमिष अग्रवाल को धारा 377 (अप्राकृतिक सेक्स) का दोषी माना तथा उसे 9 वर्षों के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई।
इसके अतिरिक्त 1 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 का अर्थ दंड भी लगाया गया। कोर्ट ने पीड़िता के ससुर सुनील अग्रवाल 72, सास रेखा अग्रवाल 68 को भी 323 का दोषी मानते हुए 10 महीने की कैद और 1000 रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त दोषी की बहन नेहा अग्रवाल 46 को भी 6 महीने कैद और 1000 रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। सजा की घोषणा होते ही निमिष अग्रवाल को दुर्ग कोतवाली थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जिला चिकित्सालय में मेडिकल चेकअप कराया। तत्पश्चात, उसे केंद्रीय जेल भेजा गया, जहां निमिष की तबियत खराब होने के पश्चात् उसे सरकारी दुर्ग चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। पति को सजा दिलाने वाली पत्नी ने बताया कि उसकी शादी 2007 में नेहरू नगर निवासी निमिष के साथ हुई थी। निमिष शादी के पश्चात् हमेशा दहेज लाने के लिये दबाव डालता था। साथ ही शरीरिक प्रताड़ना भी देता था। वह अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर करता था।