इंदौर/ब्यूरो। शहर में तितलियों के लिए तीन पार्क तैयार किए जा रहे हैं। एक पार्क सिरपुर तालाब के यहां, एक मल्हार आश्रम में और एक पार्क रालामंडल एंट्री गेट के पास तैयार किया जा रहा है। इंदौर में तितलियों के लिए यह पार्क तैयार करने का मकसद बायोडायवर्सिटी बढ़ाना है। मल्हार आश्रम में 2 एकड़ में पार्क तैयार हो रहा है, जो नगर निगम एनजीओ वाइल्ड वेंचर्स के साथ मिलकर तैयार कर रहा है।
इसी तरह सिरपुर में यह पार्क लगभग 1.5 एकड़ जमीन पर एनजीओ नेचर वॉलेंटियर्स तैयार कर रहा है। जबकि वन विभाग रालामंडल में 2 एकड़ जमीन पर यह पार्क तैयार कर रहा है। इंदौर के अलग-अलग क्षेत्र में तैयार हो रहे इन पार्कों में तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे लगाए जा रहे हैं। अहिल्या आश्रम में जहां मियावाकी पद्धति से प्लांटेशन किया जा रहा है तो वहीं रालामंडल और सिरपुर के यहां पर बेलपत्र, नींबू, मीठी नीम, राखी बेल, गासा पत्थर चट्टा, संतरा, गेंदा, लेंटाना, इकजोरा, कृष्ण कमल, कासमास, सूरजमुखी, दूध मोगरा, अशोक, मधुगामिनी, मोगरा, रातरानी, मुसेंडा, जूही की बेल, केलीडेंटा जैसे पौधे लगाए जा रहे हैं। द नेचर वालंटियर्स के भालू मोड़ें ने बताया कि पार्क बारिश के बाद शुरू हो जाएगा। जहां पर सितंबर-अक्टूबर माह से तितलियां दिखना शुरू हो जाएंगी जो की फरवरी माह तक यहीं पर रहेंगी।
होलकर साइंस कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहे हर्ष विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने पिछले 6 माह में उन्होंने 4 ऐसी प्रजातियों की तितली देखी हैं तो कि इंदौर के 200 किमी के एरिया में कभी नहीं देखी गई हैं। हर्ष ने बताया कि होल्कर साइंस कॉलेज में उन्हें लार्ज ब्ल्यू (Large Oakblue), एंगल्ड पॉयरेट (Caleta decidia), ग्रिजल्ड स्कीपर (Grizzled Skipper) और रापाला इअरबस (Rapala iarbus) तितली देखी गई हैं। इनके अलावा इंदौर में पिकॉक पेंसी, कामन जे, राउंडेड पैरट, कामन सिल्वर लाइन, स्पाटेड पेरोट, क्रिमसन रोज, पायोनियर और लेमन पेंसी जैसी प्रजाति की तितलियां भी देखी गई हैं।
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