आकाशदीप की रिपोर्ट
इंदौर। भारत का स्वच्छ शहर और मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर स्तिथ बायपास इन दिनों भीषण जाम और हादसों से परेशान है। बायपास से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बायपास का कुछ क्षेत्र जानलेवा बनते जा रहा है, वहीं रोज के जाम से मानसिक त्रास भी दे रहा है। आखिर लगातार लग रहे जाम और हादसों का जिम्मेदार कौन है ?
कई वर्षों से बायपास MR 10 पर एक फ्लाई ओवर बनना प्रस्तावित है, लेकिन आज तक उसकी योजना बन कर तैयार नहीं हो पाई। आपको बता दें की शहर के बायपास से प्रतिदिन लाखों वाहन गुजरते है, वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की निकासी के लिए कम ऊंचाई के संकरे बोगदे बनाए गए है जो की पर्याप्त नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण है की कुंभकर्ण की नींद में सो रहा है! अब उन्हें इस नींद से कौन और कब जगाएगा पता नहीं ?
अब सवाल यह उठता है की एनएचआई ने भविष्य को देखते हुए बायपास नहीं बनाया? या उसे इसका अंदाजा नहीं था के आने वाले समय में इस रोड़ पर इतना ट्रैफिक बढ़ेगा की रोज जाम की स्तिथि बनेगी। दूसरे महानगरों में ऐसे डिजाइन अपनाए गए है जिससे वह का ट्रैफिक सुगम है लेकिन वैसा डिजाइन इंदौर में नहीं अपनाया गया। इंदौर की जनता आज जान हथेली पर लेकर बायपास से सफर करती है, आखिर कब तक शहरवासी यह दर्द सहेंगे? हम प्रतिदिन टोल टैक्स भरते है लेकिन फिर भी सुविधा मिलने की जगह जाम मिल रहा है। एनएचआई की लापरवाही की सजा आखिर जनता कब तक भुगतेगी!
केंद्र और प्रदेश की सरकार शायद कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। आखिर सरकारों का इस ओर ध्यान कब जाएगा और कब जनता की सुनवाई होगी! स्वच्छ शहर इंदौर को एक ओर जहां प्रवासी सम्मलेन के लिए दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है तो दूसरी ओर शहर को जोड़ने वाले बायपास की यह स्तिथि शहर की छवि को धूमिल करती नजर आ रही है। सरकार शहर को सजाने के लिए करोड़ो रुपयों का खर्चा कर रही है लेकिन आम जनता की सुरक्षा की और सरकार का ध्यान ही नहीं है। वहीं आपको बता दें की शहर के बायपास पर पिछले दिनों एक नया मॉल खुला है जहां प्रतिदिन जाम लग रहा है, जिसने शहर के बायपास की खामियों को उजागर कर दिया है।
इस समस्या का जब तक कोई हल नहीं निकलता तब तक आम लोगो की सुरक्षा और सुविधा हेतु इंदौर यातायात प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। लेकिन आम जनता को भी यातायात सुगम करने के लिए प्रबंधन का सहयोग करना होगा। जहां जगह मिलती है अक्सर हम वहां अपना वाहन खड़ा कर देते है, जिससे मार्ग बाधित होता है। एक लेन में चलने की बजाय हम तीन लेन लगा देते है, हम तो अपनी गाड़ियों में बैठ कर सिर्फ प्रशासन को कोसते है सहयोग जनता को भी करना होगा।
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