लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की बड़ी भूमिका सामने आने पर इस पर शिकंजा कसता जा रहा है। प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए बीते चार दिन में अब तक पीएफआई के 108 मेंबर गिरफ्तार किए गए हैं। यूपी के कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और एडीजी-डीजी (कानून-व्यवस्था) पी.वी. रामाशास्त्री ने आज प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया है कि CAA कानून के विरोध में अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर व मेरठ में हिंसा के मामले में पुलिस काफी सक्रिय है।
उन्होंने बताया है कि "चार दिनों के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। पहले भी PFI के 25 पदाधिकारी और सदस्य अरेस्टेड हो चुके हैं। यूपी के 13 जनपदों में पीएफआई संगठन सक्रिय है। 108 गिरफ्तारियां में लखनऊ से 14, सीतापुर से तीन, मेरठ से 21, गाजियाबाद से 9, मुजफरनगर से 6, शामली से 7, बिजनौर से 4, वाराणसी से 20, कानपुर से 5, गोंडा से 1, बहराइच से 16, हापुड़ से 1 और जौनपुर से 1 सदस्य को अरेस्ट किया गया है।"
इससे पहले पुलिस ने PFI के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद सहित इस संगठन के 25 सदस्यों को अरेस्ट किया था। कार्यवाहक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया है कि "अभी तक तो PFI के 108 लोगों को पकड़ा गया है। अब इनके शीर्ष कार्यकर्ता पर शिकंजा कसने के लिए अन्य एजेंसी से भी लगातार चर्चा चल रही है।"
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