लखनऊ: पिछले कई दिनों से CAA के प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के विरुद्ध लम्बे समय से हमलावर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है. जंहा नई दिल्ली के कांग्रेस के निमंत्रण पर नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध विपक्षी दलों की बैठक से मायावती ने किनारा काट लिया है.
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार मायावती ने इसको लेकर सोमवार सुबह ट्वीट में अपनी तथा अपनी पार्टी की राय स्पष्ट कर दी है. जिस पर मायावती ने लिखा है कि वैसे भी बसपा तो शुरू से ही नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही एनपीआर के विरोध में हैं. हमने तो अपना विरोध शीर्ष स्तर पर जता दिया है. वहीं इस बात पर मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार से एक बार फिर अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापस ले. इसके साथ ही साथ इस कानून को लेकर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मायावती ने CAA के विरोध को लेकर बुलाई गई बैठक के बारे में कहा कि इस मामले में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बसपा ने शामिल नहीं होने का फैसला किया है. बसपा अगर इस बैठक में शामिल होती है तो यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि बसपा इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी. लेकिन मायावती ने कहा कि जैसा विदित है कि राजस्थान की कांग्रेसी सरकार को बसपा के बाहर से समर्थन देने के बाद भी वहां पर कांग्रेस से बसपा के साथ छल किया है. कांग्रेस ने राजस्थान में दूसरी बसपा के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो पूर्णतया: विश्वासघाती है.
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