कैग ने सरकारी योजनाओ की करी जांच,गड़बड़ी पर दिल्ली सरकार को लताड़ा

कैग ने सरकारी योजनाओ की करी जांच,गड़बड़ी पर दिल्ली सरकार को लताड़ा
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नई दिल्ली : कैग यानी सरकारी आडिटर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक इन दिनों सरकारी योजनाओ की जांच पड़ताल में जुटा हुआ है. कैग ने एमडीएम अथार्त मध्याह्न भोजन योजना सहित कई सारी सरकारी योजनाओ में गड़बड़ियों के चलते सरकार की बहुत सारी संस्थाओ से कोष प्रयोग प्रमाणन प्रदान नहीं करने पर लताड़ लगाईं है. कैग ने दिल्ली पर्यटन और विकास निगम के प्रदर्शन की भी कड़ी आलोचना की है.

कैग ने कहा की 39 वर्षो के लम्बे समय के बाद भी दिल्ली पर्यटन विभाग किसी भी तरह की संभावित योजना बनाने में सफल नहीं हुआ है. रिपोर्ट में यह पाया गया है कि विभिन्न संस्थानों से प्रदत अनुदान राशि के उपयोग प्रमाणन जिसे यूसी भी कहा जाता है देने में देरी हुई है. मार्च, 2013 तक दिए गए 26,434.30 करोड़ रपये के 5,235 अनुदानों में से विभिन्न विभागों से मार्च, 2014 तक 19,064.02 करोड़ रपये के 4,784 प्रयोग के प्रमाणन अभी तक प्रदान नहीं किये गए है.

इस रिपोर्ट में योजनाओ से सम्बंधित अन्य खुलासे भी सामने आये है.रिपोर्ट में जानकारी प्रदान की गयी है कि इन 4,784 शेष यूसी में से 5,651.17 करोड़ रपये के 2,267 :47.39 प्रतिशत: यूसी 10 वर्षो से भी अधिक समय से शेष है.

पेश की गयी रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आये है कि मध्याह्न भोजन योजना यानी एमडीएम ने प्राथमिक व उच्चतर प्राथमिक विद्यालयों में निश्चित किये गए दिनों में भोजन नहीं प्रदान किया है. 2010-14 के दौरान तैयार भोजन के 2,102 नमूनों में से 89 प्रतिशत या 1,876 नमूने पोषण परीक्षण के स्तर से निम्न आंके गए. ये नमूने परिक्षण के स्तर पर खरे नहीं उतर सके.

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