नईदिल्ली। जम्मू कश्मीर सरकार के खर्चे को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में वित्त संहिता का उल्लंघन किया गया। यही नहीं रिज़र्व बैंक आॅफ इंडिया ने बताया है कि राज्य के 9 जिलों के आर्थिक आंकड़ों में बड़े पैमाने पर कमी आई है। राज्य में पर्यटन उद्योग की गिरती स्थिति ने राज्य के आर्थिक पक्ष को और कमजोर कर दिया है। श्रीनगर जैसा जिला भी इस गिरावट से प्रभावित हुआ है।
श्रीनगर के आंकड़े में 0.34 फीसदी की कटौती हुई है। इतना ही नहीं वित्त वर्ष 2015 व 2016 में 29 अनुदानों में 23234 करोड़ रूपए अर्थात् 42 प्रतिशत से अधिक रूपए खर्च कर दिए गए। जो जानकारी सामने आई है उसमें नौ जिलों के मार्च 2017 तक के आंकड़े 5 फीसदी तक गिरने की बात सामने आई है।
इससे पहले मार्च 2016 में ये ग्रोथ 8.37 फीसदी तक रही थी। इन अनुदानों पर करीब 54660 करोड़ रूपए का खर्च हुआ था। बजट खर्च करने के मसले में लद्दाख सबसे अलग नज़र आया। मिली जानकारी के अनुसार राजस्व व परिवहन विभाग द्वारा खर्च की जाने वाले रूपए का करीब 67 और 64 प्रतिशत खर्च अंतिम तिमाही में किया गया।
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य को खर्च करने से बचना होगा। वित्त वर्ष के अंतिम माह में अधिक खर्च परेशानी बन सकता है। माना जा रहा है कि पत्थरबाजी और हिंसक हालात से राज्य को जमकर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। अनंतनाग, पुलवामा और कुलगाम में भी बड़े पैमाने पर खर्च किए जाने की जानकारी सामने आई है। उल्लेखनीय है कि इन जिलों में सबसे ज्यादा पत्थरबाजी और अन्य घटनाएं होती हैं।
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