लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नज़रें राज्य के विधान परिषद (MLC) के चुनाव पर टिक गई हैं. स्थानीय निकाय की 36 MLC सीटों में 9 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने के बाद अब 27 सीटों पर 9 अप्रैल को मतदान होना हैं. ऐसे में भाजपा और सपा के बीच मुख्य मुकाबला है, किन्तु पूर्वांचल की कई सीटों पर भाजपा के लिए निर्दलीय और बागी प्रत्याशियों ने चिंता बढ़ा दी है.
पूर्वांचल में कई सीटों पर दो दलों की सीधी टक्कर है, तो कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है. MLC चुनाव में धनंजय सिंह, ब्रजेश सिंह और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया जैसे बाहुबलियों के करीबी और रिश्तेदार के चुनावी मैदान में उतरने से जंग दिलचस्प हो गई है. आजमगढ़ से लेकर वाराणसी और प्रतापगढ़ तक भाजपा के लिए अपने ही बागी नेता मुसीबत बने हुए हैं, जो अपने-अपने करीबियों की जीत पक्की करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वाराणसी-चंदौली-भदोही क्षेत्र की MLC सीट पर भाजपा से डॉ. सुदामा पटेल चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके सामने सपा से उमेश यादव और निर्दलीय उम्मीदवार अन्नपूर्णा सिंह मैदान में हैं, जो माफिया बृजेश सिंह की पत्नी हैं. यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
आमतौर पर माना जाता है कि जो पार्टी सत्ता में होती है, MLC चुनाव में भी उसी की जीत होती है, मगर वाराणसी में माफिया बृजेश सिंह की पत्नी के उतरने से भाजपा प्रत्याशी की चिंता बढ़ गई है. इसका कारण यह है कि दो दशक से वाराणसी MLC सीट पर बृजेश सिंह के परिवार का कब्जा है. बृजेश सिंह के सियासी वर्चस्व को तोड़ना भगवा दल के लिए आसान नहीं है.
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