शुक्रवार यानी 22 मई को अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल पैथोलॉजी ने 16 गर्भवती महिलाओं के बारे में एक अध्ययन जारी किया है. यह सबसे बड़ा शोध माना जा रहा है जो गर्भवती महिलाओं की नाल के अध्ययन से जुड़ा हुआ है.
चौंकाने वाली बात यह है कि अध्ययन में शामिल सभी गर्भवती महिलाएं में प्लेसेंटा घायल अवस्था में पाया गया. बता दें कि प्लेसेंटा "एक अंग है जो गर्भावस्था के दौरान आपके गर्भाशय में विकसित होता है. यह संरचना आपके बढ़ते बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करती है. जो अपशिष्ट उत्पादों को आपके बच्चे के रक्त से निकाल देती है."
आपकी जानकारी के लिए बात दें कि प्रत्येक नाल पर चोट के प्रकार माता और बच्चे के बीच असामान्य रक्त प्रवाह का परिणाम है. इसका मतलब यह है कि रक्त के असामान्य प्रवाह के कारण ऑक्सीजन पहुंचाने और मां से भ्रूण तक कचरे को हटाने की प्रणाली प्रभावित हो सकती है. वही, संयुक्त राज्य अमेरिका केंद्र ने कहा कि मां से बच्चे में कोरोना वायरस के फैलने की संभावना नही है.
UAE की इकॉनमी पर कोरोना का प्रहार, बंद हो सकता है 70 फीसद कारोबार
अरब अंतरिक्ष सहयोग समूह की बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
तंजानिया के राष्ट्रपति का बड़ा बयान, कहा-' वायरस को प्रार्थना के जरिए हरा दिया गया'