कोरोनोवायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए सामाजिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल है. वायरस से बचाव के लिए कपड़े से बने मास्क की तुलना में प्लास्टिक मास्क पहने की सलाह दी जा रही है. लेकिन हाल ही में, आपने देखा होगा कि लोग चेहरे को ढंकने के लिए साधारण मास्क का उपयोग कर रहे है. साथ ही कुछ लोग स्पष्ट रूप से प्लास्टिक से बने मास्क का उपयोग कर रहे है, जो मुंह और नाक के सामने मुखौटे की तरह काम करता है.
कोरोना खिलाफ प्लास्टिक से बना यह मास्क ढाल की तरह काम करता है. जिसका सबसे ज्यादा उपयोग चिकित्सक कर रहे है. उन्हे यह मास्क व्यक्तिगत रूप से जबरदस्त सुरक्षा प्रदान कर रहा हैं. आमतौर पर कई अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्लास्टिक का मास्क पहने देखा जा सकता है. बता दें कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ शरीर के कई हिस्सों को यह मास्क कवर करता हैं. जिससे चेहरा के हिस्से जैसे (आंखों, नाक और होंठ) को अतिरिक्त सुरक्षा मिल जाती है.
बीते महीने, JAMA में प्रकाशित लेख में तर्क दिया गया था कि इन फेस शील्ड्स को पहनने के लिए सभी को प्रोत्साहित करने के कई लाभ हो सकते हैं. लेख लिखने वाले तीन डॉक्टरों ने कुछ बहुत ही सामान्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर मास्क की खासियत बताने का प्रयास किया है. डॉक्टर्स ने अपने लेख में बताया कि सामान्य मास्क की तुलना में प्लास्टिक मास्क को कीटाणुरहित करना ज्यादा आसान है. यह मास्क पहनने वाले के चेहरे को कपड़े के मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षा देता हैं. साथ ही, मास्क में साँस लेना भी आसान है. आमतौर पर जब लोग बात करते हैं तो, कपड़े के मास्क को भी हटा देते हैं. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है.
कोरोना वायरस की मार से बिगड़े इन देशों के हाल
T20 वर्ल्ड कप के टलने पर नहीं हुआ कोई फैसला, ICC के प्रवक्ता ने कही यह बात